Poem in Hindi
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तुम प्रेम हो! तुम प्रीत हो! तुम गीत हो!
तुम मेरी हर रीत हो!
तुम कही हुई हर बात हो!
तुम ही मेरी पहली मुलाकात हो!
तुम लिखें गए हर जज़बात हो!
तुम ही मेहसूस किए गए एहसास हो!
तुम मेरी जिंदगी की किताब हो!
दुआ मे मांगी हुई हर बात हो!
प्यार भरे पलों का ख्वाब हो!
दिल से जुड़े धड़कन की बात हो!
तनहा लमहों का साथ हो!
भटके हुए रास्तों का हात हो!
सपनो में मिली हर मुलाकात हो!
तुम ही मेरा प्यार,मेरे मोहब्बत का साथ हो!
तुम ही मेरा इश्क, तुम ही मेरी जान हो!
तुम ही मेरा इश्क, तुम ही मेरी जान हो!
Poem in Hindi Motivational
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िजयपथचल इस पथ पर राह ये तेरी है
तेरी ये तकदीर तुझे ही बनानी है
सीडिया तो बस छत तक ले जायेगी तुझे,
तेरी ये तकदीर तेरे आसमान की कहानी है!
काटों भरे रास्तों को फूलों की मेजवानी देनी है
सुखे पत्तो की छाव मे धूप को मात देनी है
बिखरे पत्तो से आशियाने तक की कहानी है
चल एस पथ पर तुझे तेरी जिंदगी बनानी है!
एस पथ के हर मोड पर हर बात सिखनी है
कुछ नए कुछ पुराने हौसलों की जुबानी है
याद रख अपने बीते हुए पलों को,
इन्हीं पलों से इस पथ पर विजय पानी है!
काटों भरे रास्तों से तुझे राह बनानी है
तेरी तकदीर तेरे मेहनत की कहानी है
छोड़ इन आसान रास्तों को,
तुझे तो तेरे पथ पर विजय पानी है!
तुझे तो तेरे पथ पर विजय पानी है!!
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दिल से दिल तक का रास्ता हैं दोस्ती
एक दूसरे का साथ है ये दोस्ती
पल पल का नाम हैं दोस्ती
हर एहसास का नाम है दोस्ती
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माँ… क्या करू मे माँ की परिभाषा
हम सब को संभालते हुए खुद का वजूद वो भुल गयी
प्यार की मुरत तो थी वो पर न जाने क्यों वो खुद ही मुरत बन गयी
उसका शुक्रगुजार करके एक अरसा हो गया
लगा जैसे तुम्हारे पैरों में वक्त थमसा गया।
हमसे प्यार इतना करती की थकान की माथे पे एक शिकस्त भी नही होती
कहाँ से लाती हो माँ ए हुनर की
खुद के गमों को चेहरे पे झांकना भी नही देती
हर जनम तुझ पे कुरबान माँ
जितलु ए दुनिया बस सोहबत में तु चाहिए
तु हमेशा साथ रहे यही खुदा से एक दुवा कुबुल होनि चाहिए।
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बचपन की याद.....आज बचपन की कुछ तस्वीरें.....
देखीं आँखें नम सी हो गयीं... वो पिता का प्यार और .....
माँ की डांट याद आ गयी... वो रातें भी याद आ गयीं .....
बुखार चढ़ता मुझे पर ......पूरी रात जागती मेरी माँ थी......
वो हर ख्वाहिश भी याद .....है जो बिन बोले पिता जी.....
ने पूरी की थी.....!!!
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“माँ की ममता – पापा का प्यार” घर मेरा एक बरगद है…..
मेरे पापा जिसकी जड़ है…!! घनी छायो है मेरी माँ..
यही है मेरे आसमान…!!पापा का है प्यार अनोखा..
जैसे शीतल हवा का झोका …!!
माँ की ममता सबसे प्यारी …
सबसे सुंदर सबसे नयारी….!!
हाथ पकड़ चलना सिखलाते
पापा हमको खूब घूमते ….!!
माँ मलहम बनकर लग जाती …
जब भी हमको चोट सताती..!!
माँ पापा बिन दुनिया सुनी
जैसे तपती आग की धुनी..!!
माँ ममता की धारा है …
पिता जीने का सहारा है…!!
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हम सपने बहुत जल्दी देखते हैं,
और कार्य बहुत देरी से करते हैं।
हम भरोसा बहुत जल्दी करते हैं,
और माफ करने में बहुत देर करते हैं।
हम गुस्सा बहुत जल्दी करते हैं,
और माफी बहुत देर से माँगते हैं।
हम हार बहुत जल्दी मानते हैं और
शुरुआत करने मे बहुत देर करते हैं।
हम रोने मे बहुत जल्दी करते हैं,
और मुस्कुराने मे बहुत देर करते हैं।
"जल्दी" बदले वरना, बहुत "देर" हो जाएगी।
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गुजर रही है उम्र,
पर जीना अभी बाकी हैं।
जिन हालातों ने पटका है जमीन पर,
उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकी हैं।
चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं,
मन्जिल को पाना अभी बाकी हैं,
कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हार के,
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी है।
वक्त को करने दो अपनी मनमानी,
मेरा वक्त आना अभी बाकी है,
कर रहे है सवाल मुझे जो loser समझ कर,
उन सबको जवाब देना अभी बाकी है।
निभा रहा हूँ अपना किरदार जिदंगी के मंच पर
परदा गिरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी है,
कुछ नहीं गया हाथ से अभी तो, दीप
बहुत कुछ पाना बाकी हैं…
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Short Poem in Hindi
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का;
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते;
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।
जिंदगी के हर पल को ख़ुशी से बिताओ;
रोने का टाइम कहां, सिर्फ मुस्कुराओ;
चाहे ये दुनिया कहे पागल आवारा...!!!!!
बस याद रखना
"जिंदगी ना मिलेगी दोबारा"।।
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ो पुराने दिन वो सुहाने दिन आशिक़ाने दिन
ओस की नमी में भीगे वो पुराने दिन
दिन गुज़र गए हम किधर गए
पीछे मुड़ के देखा पाया सब ठहर गए
अकेले हैं खड़े क़दम नहीं बढ़े
चल पड़ेंगे जब भी कोई
राह चल पड़े जाएँगे कहाँ
है कुछ पता नहीं कह रहे हैं वो
कि उनकी है ख़ता नहीं
वो सुहाने दिन
आशिक़ाने दिन
ओस की नमी में भीगे
वो पुराने दिन…
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जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता, जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता, जो है पास आपके उसको सम्भाल कर रखना, क्योंकि एक बार खोकर प्यार दोबारा नही मिलता।
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मुहब्बत के चार दिन मुहब्बत के चार दिन में...
उमर बीती दो सौ साल....नाम छुपाके तेरा सीने में....
गुलज़ार हुआ मुहब्बत का संसार!
चार दिन की दोस्ती यारी....
बदनामी की उम्र सौ साल दे गया...
जाते - जाते वो मेरी जान, साथ में मेरी जां ले गया......
बचा नहीं कुछ पास..... जिसके आसरे दिखा सकूं....
ताउम्र तेरे इश्क़ में नाज़! कहते थे जिसे ईमान धर्म...
वक्त के साथ जो सांसों का सुकून बन गया...
नाम देकर जिसे अल्ला,ईश्वर....
दिल के कोने में, मैंने महफूज़ रख लिया....
इबादतें करूं क्या - क्या उस मुहब्बत की ....
जो जां मेरी,मेरी मुहब्बत का खुदा बन गया!
कर लूं पूजा प्रेम की....
उतारूं आरती उन श्री राधेश्याम की...
स्नेहडोर में जिन्होंने बांधा बंधन...
नेह बरसाने वाले उनके इश्क़ और प्रीत से.....
सोचा ना था कुछ यूं भी ऐसा होगा.....
दिल तो मेरा होगा..... धड़केगा तू दिल में....
रगों की लहू में इश्क़...... मेरे खुदा,तेरा दौड़ेगा!
मुहब्बत के चार दिन ....बीते सुख चैन से....
कल,आज़ किसने देखा...
जी लें आज़ ज़रा इस अनोखे पल को.....
सीने पे तेरे, सर रख अपना....
मूंद के आंखें अपनी..... बीता लूं सारी उम्र, मैं!
सुबह को आए,शाम में ना आए....
कोई जाता भी नहीं इस तरह से छोड़कर....
मुहब्बत के चार दिन..... नहीं बिताता कोई ऐसे....
बनके बेदर्द,सीने में का दर्द सा!
आप आएं तो सकूं सा....
मुहब्बत की बगिया में फ़ूल खिले कोहिनूर सा.....
बीता लूं कुछ पल जिंदगानी के....
मुहब्बत के चार दिन.....
बीत ना जाए पल भर की रवानी में।।
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Poem in Hindi Best
सजग उमंगों को भरकर
मैं निकल पड़ा हूँ जिस रथ पर
सूरज कि लालिमा सी आभा
है उभर रही जिस नभ मथ पर
है बिखरे कंकड़, कंटक
यमघण्ट टंगे है पग पग पर
तत्वबोध का ज्ञान लिए
सर्वस्व है अर्पण इस हठ पर
कर सिंहनाद, हो राष्ट्र प्रथम
हम निकल पड़े कर्तव्य पथ पर …..
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Bast
दिल के तमाम ज़ख़्म तिरी हाँ से भर गए
जितने कठिन थे रास्ते वो सब गुज़र गए
जब से मिला है साथ मुझे आप का हुज़ूर
सब ख़्वाब ज़िंदगी के हमारे सँवर गए
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Sad poem
आज मैं वहाँ बैठी हुँ जहाँ हम पहली बार मिले थे...।
आज तुम साथ नही मेरे फिर भी ये चलती तेज हवाओ मे...।।
तुम्हारे धडकन की आवाज सुनाई दे रही हैं....।।।
अब क्या बताऊ इन हवाओ को
की अब हम दोनो साथ नही..!!!!
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किसी ने समझदारी की क्या खूब बात कही है,,
अपनीअपनी जगह हो हर चीज तो सही है,,
पर्वत से हर नदी समंदर तक ही सदा बही है,,
धरती घूमती सूरज के इर्दगिर्द पर धरी वहीं है,,
छोड़ो भूत - भविष्य वर्तमान में जिंदगी कहीं है,,
सूरज,चांद,सितारों में रोशनी वहीं की वहीं है,,
हजारों सदियां बीत गयी फिर भी धरती यही है,,
सृष्टि सारी सुंदर संगीत धून यूं ही बजती रही है,,
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"दुनिया हाथ नहीं आती है दुनिया ले ली जाती है
किस्मत नहीं बदलती साथी किस्मत बदली जाती है
दुनिया जिसे आज कहती है संगम कई जुगों का है
बीता हुआ 'कल' औरों का था आने वाला 'कल' अपना है..."
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जो भी हो तुम ' तुम ' वैसे ही रहा करों,
मुझ जैसा ना बना करों...
मुझ जैसा बनोगें तो खुद को खो दोगें ,
खुद को खो दोगें तो तन्हा रह जाओंगे ..
और तन्हा रह गए तो रो दोगें ,
रो .. दोगे तो दुनियाँ हँसीगी ...
दुनियाँ हँसीगी तो तुट जाओंगे ,
तुट जाओंगे तो बिखर जाओंगे ...
और बिखर जाओंगे तो निखरना तुम्हें आयेगा क्या ?
मुझ जैसा लढ़कर दुनियाँ से
तुम्हें ' जिना ' फिरसे आयेगा क्या ..? ॥
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Bast Kavita in Hindi
❝तू अपनी खूबियां ढूंढ .... कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
अगर रखना ही है कदम.... तो आगे रख ,
पीछे खींचने के लिए लोग हैं |सपने देखने ही है .....
तो ऊंचे देख , निचा दिखाने के लिए लोग हैं |
अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का ,
जलने के लिए लोग हैं | अगर बनानी है.....
तो यादें बना , बातें बनाने के लिए लोग हैं|
प्यार करना है.... तो खुद से कर ,
दुश्मनी करने के लिए लोग है |रहना है....
तो बच्चा बनकर रह ,
समझदार बनाने के लिए लोग है |
भरोसा रखना है.... तो खुद पर रख ,
शक करने के लिए लोग हैं |
तू बस सवार ले खुद को...
आईना दिखाने के लिए लोग हैं |
खुद की अलग पहचान बना....
भीड़ में चलने के लिए लोग है |
तू कुछ करके दिखा दुनिया को......
बस कुछ करके दिखा ,
तालियां बजाने के लिए लोग हैं।
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Bast
सबके लबो पर एक दिन तेरा ही नाम होगा,
हर कदम पे तेरे, दुनिया का सलाम होगा,
हर मुसीबत का सामना करना तू डट कर,
देखना समय एक दिन तेरा भी गुलाम होगा।
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इन निगाहों में मन्ज़िले हैं,
सामने कठिन रास्ते हैं बहुत,
लेकिन मैं हर मुश्किल से उलझ गया,
और मैं सबसे आगे निकल गया।
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आज तेरे लिए वक्त का इशारा है,
देखता ये जहां सारा है,
फिर भी तुझे रास्तों की तलाश है,
आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है
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बुझी शमा भी जल सकती है,
तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है,
हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
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रखो भरोसा अपनी मेहनत पर,
ना की अपनी किस्मत पर.
सपनो की तैयारी पूरी रखो,
फिर सफलता का स्वाद चखो.
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ज़िंदगी सँवारने को तो ज़िंदगी पड़ी है,,,,
वो लम्हाँ सँवार लो जहाँ ज़िंदगी खड़ी है।
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अगर एक हारा हुआ इंसान
हारने के बाद भी मुस्कूरा दें..
तो जितने वाला भी जीत
की खुशी खो देता है।......
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अगर जीवन में सफलता प्राप्त करनी है
तो मेहनत पर विश्वास करें!
किस्मत की आजमाईश तो जुए में होती हैं..
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जुड़ा रहता सदा जन्म से मृत्यु तक जमीन से वो सच ही प्यारा धरतीपुत्र कहलाता,
आजकल पढ़ा लिखा दूर भागता श्रम से वो खुद को अहर्निश खुशी से धूल में नहलाता,
आकाश ओढ़ना उसका जमीं बिछौना रात दिन बस धरती की गोद में सोना जागना,
हर तारों - नक्षत्रों से सच्ची यारी उसकी ऋतुओं की आहट सुन पक्का अनुमान लगाता,
वृक्ष,पक्षी और पशुओं से भी सच्चा प्यार करता अन्नदान का भंडारा उदार हाथोसे चलाता,
धनधान्य उगाता खेतों में सारे जग का पोषण करता अपनी मुश्किलों को हंसकर सहता,
सारे जग पर बड़ा उपकार तेरा भारत का लाल "जय जवान जय किसान " सूत्र सादर कहता,
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जब वो लड़का रो सके,, तुम्हारे रोने पर..बिना ये सोचे कि...
वो लड़का है,,रो नहीं सकता।।तब तुम मान लेना कि,,
अस्तित्व में आ गया है तुम्हारा....प्रेमिका होना।।
और सुनो ,, जब तुम..देख पाना ,,देह से परे,,
अल्हड़ और प्रेम की पवित्रता को,,
तब कहना तुम कि.... ""मैं,,,, प्रेमी हूँ..और
प्रेम करता हूँ तुमसे"।।
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हाल ए दिल!
तुमसे न कहे हाल ए दिल तो कहो किससे कहे!
अपना माना तुम्हें इसलिए हाल ए बयां तुमसे कहे!
कहने को बहुत कुछ है मगर तू सुनता नहीं है!
छोड़ दिया जो तन्हा मुझे क्या हाल उससे कहे
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श्यामनन्दन किशोर
शुद्ध सोना क्यों बनाया प्रभु मुझे तुमने,
कुछ मिलावट चाहिए गलहार होने के लिए।
जो मिला तुममें, भला क्याभिन्नता का स्वाद जाने,
जो नियम में बँध गया,वह क्या भला अपवाद जाने!
जो रहा समकक्ष करुणा की मिली कब छाँह उसको,
कुछ गिरावट चाहिए उद्धार होने के लिए!
जो अजन्मा हैं, उन्हें इस इन्द्रधनुषी विश्व से सम्बन्ध क्या!
जो न पीड़ा झेल पाएँ स्वयं, दूसरों के लिए उनको द्वन्द्व क्या!
एक स्रष्टा शून्य को शृंगार सकता है,
मोह कुछ तो चाहिए साकार होने के लिए!
क्या निदाध नहीं प्रवासी बादलों से
खींच सावन-धार लाता है!
निर्झरों के पत्थरों पर गीत लिक्खे
क्या नहीं फेनिल, मधुर संघर्ष गाता है!
हैं अभाव जहाँ, वहीं हैं भाव दुर्लभ
कुछ विकर्षण चाहिए ही प्यार होने के लिए!
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